Sunday, January 26, 2020

जीने का हुनर फूल से सीखे

जिस तरह है फूल एक नए दिन को गले लगाता है, हम में से प्रत्येक के लिए एक वास्तविक प्रेरणा हो सकता है धूप की पहली किरण जब पेड़ों की शाखाओं पर दस्तक देती हैं तो उसकी आहट पाकर फूल उठ जाता है और ओस से स्नान करने के बाद धीरे धीरे अपनी पंखुड़ियों को चौड़ा करने लगता है। जिस समय यह अपनी पंखुड़ियों को खोलता है कभी फिर बंद नहीं करता जब तक कि शाम और सोने का समय नहीं हो जाए। जो कोई भी फूलों को अपनी आंखों से स्पर्श करता है वह प्रफुल्लित हो उठता है। फूल उसे सौंदर्य ही नहीं सुगंध से भी भर देता है । इसलिए हमें चाहिए कि अपने प्रत्येक दिन को उत्साह, ऊर्जा और ताजगी से के साथ शुरू करें और जितने भी लोग हमसे दिन भर मिलते रहें हमसे एक खुशी का एक रंग और एक सुंदरता कुछ न कुछ हम उनके साथ जरूर साझा करें। सच्ची करुणा और प्रेम ही संसार को आपका सबसे बड़ा उपहार है। अपने दिन को सार्थक कीजिए। आपका दिन मंगलमय हो।।।     
       ओंकार सिंह शेखावत।।

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